
सारंगढ़-बिलाईगढ़:- लगातार बढ़ते चुनावी तापमान में और इज़ाफ़ा हो गया, टिकट वितरण से नाराज़ भाजपा नेता मनोज लहरे ने सर्वप्रथम भाजपा से अपने प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफ़ा दिया उसके बाद बसपा के बड़े नेताओ के साथ भगवा गमछा उतार कर नीला गमछा डाल लिया।
ज़िला भाजपा में बिखराव के संकेत, कुछ लोगों पर मनमानी का आरोप
मनोज लहरे के इस्तीफ़े से संकेत साफ़ है की भाजपा में सब कुछ ठीक नही चल रहा है, टिकट वितरण के बाद से ही सारंगढ़ क्षेत्र में सन्नाटा पसरा हुआ है जहां पर लोग चर्चा कर रहे है की सिर्फ़ जातिगत फेक्टर बताकर टिकट वितरण करना जीत का फ़ार्मूला कैसे हो सकता है। चर्चा का बाज़ार तो यहाँ तक गर्म है की लोगों को लग रहा भाजपा ने यह सौदाबाज़ी करके हार स्वीकार कर लिया है?
बहरहाल बदले समीकरण में ज़िला भाजपा के द्वारा टिकट के दावेदार और पाँच साल तक सक्रिय भूमिका में रहे नेताओ का कोई पूछ परख नही कर रही है तथा टिकट वितरण के टॉप फ़ाइव नेताओ को साइड कर दिया गया है, नाराज़गी का जानकारी होते हुए भी ज़िला भाजपा के द्वारा सब कुछ सही होने का रिपोर्ट प्रदेश आलाकमान को दिया जा रहा है, साथ ही ऐसे नेताओ को मनाने का भी कोशिस नही किया जा रहा है जो की भाजपा के चुनावी रणनीतिकार के नेतृत्व क्षमता पर प्रश्नचिन्ह लगता है।
मनोज लहरे के प्रवेश से बसपा को मिलेगा फ़ायदा
युवा नेता मनोज लहरे के बसपा प्रवेश को संजीवनी मिल गया है, बसपा में वैसे भी स्थानीय स्तर पर कोई बड़े चेहरे की कमी थी मनोज लहरे के बसपा में शामिल होने से बसपा मजबूर हुआ है तथा बसपा को मनोज लहरे का फ़ायदा मिलेगा।