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ऑपरेशन मुस्कान के अंतर्गत नाबालिग बालिका को गोरखपुर उत्तरप्रदेश से किया गया बरामद

कोरबा:- दिनांक 12 .01. 2023 को पुलिस सहायता केंद्र मानिकपुर में सूचना प्राप्त हुआ कि एक 13 वर्षीय नाबालिग बालिका घर से बिना बताए कहीं चली गई है,  एक दिन पूर्व सारंगढ़ निवासी लोकेश कर्ष से बातचीत करते हुए देखी गई थी ।  मामले में पुलिस सहायता केंद्र मानिकपुर में गुम इंसान एवं धारा 363 भादवि के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध कर नाबालिग बालिका की तलाश शुरू की गई  ।

पुलिस अधीक्षक कोरबा संतोष सिंह द्वारा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा के मार्गदर्शन,  नगर पुलिस अधीक्षक कोरबा विश्व दीपक त्रिपाठी के पर्यवेक्षण , थाना प्रभारी कोतवाली रूपक शर्मा के नेतृत्व में  ” ऑपरेशन मुस्कान “  के अंतर्गत नाबालिग बालिका के बरामदगी हेतु विशेष टीम का गठन किया गया, विशेष टीम के द्वारा नाबालिग बालिका के संबंध में पतासाजी करने पर ज्ञात हुआ कि नाबालिग बालिका किसी अनजान लड़के के साथ मोटरसाइकिल में चांपा की ओर जाते हुए देखी गई है,  इस आधार पर मोटरसाइकिल सवार लोकेश कर्ष होने की संभावना पर एक टीम लोकेश कर्ष के निवास स्थान पर भेजा गया,  लोकेश कर्ष  घर पर नहीं मिला,  जिससे संदेह पुख्ता हो गया कि लोकेश कर्ष के साथ ही नाबालिक लड़की गई है । टीम  द्वारा रेलवे स्टेशन चांपा का फुटेज खंगालने पर पाया कि नाबालिग बालिका आरोपी लोकेश कर्ष एवं एक अन्य नाबालिग के साथ ट्रेन में सवार होकर बिलासपुर की ओर गई है । बिलासपुर से दिल्ली की ओर जाने वाली दुर्ग नवतनवा एक्सप्रेस में सवार हुई है , इस आधार पर एक टीम को तत्काल दिल्ली की ओर रवाना किया गया,सीसीटीवी फुटेज एवं अन्य तकनीकी साक्ष्य के आधार पर नाबालिग बालिका की तलाश करते हुए टीम गोरखपुर पहुंची,  जहां गोरखपुर बस स्टैंड के पास नाबालिग बालिका , आरोपी लोकेश कर्श व एक अन्य नाबालिग को बरामद किया गया ।  कोरबा पुलिस की टीम 13 वर्षीय गुम नाबालिग बालिका, आरोपी लोकेश कर्ष व एक अन्य नाबालिग को  बरामद कर वापस लेकर आ रहे हैं । मामले में नाबालिग बालिका के बयान के आधार पर अग्रिम वैधानिक कार्रवाई की जाएगी ।

ऑपरेशन मुस्कान के तहत वर्ष 2022 में 165 नाबालिक बरामद किए गए हैं

नाबालिको के  गुम होने के मामले को अति संवेदनशील और गंभीर मामला माना जाता है , अतः प्रत्येक मामले में नाबालिक का अपहरण होने की दृष्टिकोण से देखा जाकर तत्काल अपहरण के धारा 363 भादवि के अंतर्गत  एफआईआर दर्ज किया जाता है ।  पुलिस अधीक्षक द्वारा प्रत्येक मामले में विशेष टीम का गठन कर तत्काल बरामदगी हेतु  ” ऑपरेशन मुस्कान “ चलाया जाता है । इस अभियान के अंतर्गत जैसे ही किसी बालक या बालिका के गुमने की रिपोर्ट प्राप्त होती है पुलिस अधीक्षक द्वारा नाबालिग के बरामदगी हेतु एक टीम का गठन विशेष टीम का गठन किया जाता है , जब तक नाबालिक की बरामदगी नहीं हो जाती , तब तक विशेष टीम लगातार उस मामले में कार्य करती रहती है, आपरेशन मुस्कान के अंतर्गत  वर्ष 2022 कुल 165 नाबालिकों को बरामद करने में सफलता मिली है जिनमे   36 बालक एवं 129 बालिकाएं हैं।

ऑपरेशन मुस्कान के तहत नाबालिगों को बरामद करने वाले टीम को  मिलता है नगद पुरस्कार :–

गुम नाबालिक बच्चों को बरामद करने वाले अधिकारी कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने हेतु पुलिस अधीक्षक द्वारा नगद इनाम की राशि से पुरस्कृत किया जाता है । साथ ही उन्हें का  ” Cop of the month “ पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा रहा है