
सारंगढ़:- भाजपा जिला उपाध्यक्ष दीनानाथ खूंटे ने बजट की सराहना करते हुए कहा कि वित्त मंत्री जी ने साल 2023 के बजट में किसानों का खास ध्यान रखा है और किसानों की कमाई में इजाफा करने के लिए कई कदम उठाए हैं. किसान समृद्धि योजना के बाद इस साल सरकार ने कई अन्य योजनाएं चालू करने की घोषणा की है. सरकार ने पशुपालकों और मछलीपालन करने वाले किसानों के लिए भी कई कदम उठाए हैं. जोकि बहुत ही सराहनीय कदम है. आम बजट के भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने ऐलान किया है कि किसानों के लिए सहकार से समृद्धि प्रोग्राम चलाया जाएगा. इसके जरिए 63000 एग्री सोसायटी को कंप्यूटराइज्ड किया जाएगा. इससे किसानों को समृद्ध बनाने में मदद मिलेगी. इसके साथ ही ऐलान किया गया है कि पशुपालन, मछीपालन के क्षेत्र में कर्ज देने की रफ्तार बढ़ाई जाएगी और मल्टीपर्पज कोरपोरेट सोसायटी को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके साथ ही वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री मत्स्य पालन योजना की शुरुआत करने का फैसला भी किया है. वहीं, सरकार ने डिजिटल तकनीकी से खेती को बढ़ावा देने का फैसला किया गया है।
श्री खूंटे ने कहा कि बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने बताया कि किसानों की सहायता के लिए डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किए जाएंगे. यहां से किसानों को खेती संबंधित प्लानिंग, लोन, इंश्योरेंस और फसलों के उत्पादन को किस तरह से बढ़ाया जाए, इस पर जानकारी दी जाएगी. इसके साथ ही किसान इस डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर की मदद से बाजार में अपनी फसल को अच्छी कीमत पर कैसे बेच पाएं, उसके बारे में भी उन्हें यहां से सहायता मिलेगा।
खेती किसानी से संबंधित स्टार्टअप्स को मिलेगा बढ़ावा
भारत सरकार एग्रीकल्चर सेक्टर के स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए बेहतर फंड मुहैया कराएगी. सरकार ग्रामीण इलाकों के नौजवान एंटरप्रेन्योर्स को आगे बढ़ाने के लिए हर संभव मदद करेगी. सरकार एग्रीकल्चर सेक्टर के लिए जो फंड देगी उसकी मदद से किसानों की रोजमर्रा की समस्याओं को सॉल्व किया जाएगा. इस फंड की मदद से एग्री टेक-इंडस्ट्री को भी बढ़ावा देने में मदद मिलेगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने आत्मनिर्भर क्लीन प्लांट प्रोग्राम का जिक्र किया और उन्होंने उसके लिए 2200 करोड़ रुपए देने की घोषणा की. क्लीन प्लांट प्रोग्राम का मतलब खेतों में ऐसी फसल लगाई जाए जो रोग मुक्त हो और जिनके पौधों से हाई वैल्यू वाले क्वालिटी अनाज का उत्पादन हो. भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा मिलेट का एक्सपोर्टर है. हम कई तरह के ‘श्री अन्न का उत्पादन करते हैं. इनमें ज्वार, रागी, बाजरा, कुट्टू, रामदाना, कंगनि, कुटकी, कोडो, छीना और सामा है. यह सभी मोटे अनाज हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होते हैं. किसान लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में श्री अन्न का उत्पादन करके मदद कर रहे हैं. भारत को श्री अन्न के मामले में ग्लोबल हब बनाने में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च, हैदराबाद का बहुत बड़ा सहयोग रहेगा. यह संस्थान इंटरनेशनल लेवल पर मिलेट्स से संबंधित रिसर्च टेक्नोलॉजी और इसके बेहतर उत्पादन के तरीकों को बताता रहा है. भारत सरकार मछली पालन के क्षेत्र को इंटरनेशनल लेवल पर एक्सपेंड करना चाहती है. छोटे किसानों के लिए सरकार सहकारिता बेस्ड इकोनामिक सिस्टम डेवलप करना चाहती है. इन किसानों की मदद करने के लिए सरकार ‘सहकार से समृद्धि’ योजना चलाएगी. इसके लिए सरकार ने 2516 करोड़ रुपए खर्च करके 63000 एग्री सोसाइटी को कंप्यूटराइज किया है।
नेचुरल फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रोत्साहित करेगी. यह काम आने वाले 3 सालों में किया जाएगा. प्राकृतिक खेती के लिए माइक्रो फर्टिलाइजर पर जोर दिया जाएगा और इसके साथ ही मैन ग्रोन प्लांटेशन पर भी पूरा ध्यान दिया जाएगा।
मोहन लहरे की रिपोर्ट