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बिना लिये किसानों के ऊपर चढ़ा लाखो का लोन, कनकबिरा उपार्जन केन्द्र में खाद बीज के नाम पर हुआ लाखो का घोटाला…

छत्तीसगढ़ स्टेट हेड से हितेश महिलाने की रिपोर्ट

सारंगढ़:- सारंगढ़ के जनता अंधकार और आलसी कि चादर ओड लेने के कारण भ्रष्टाचारियों के हौसले इतने बुलंद है कि उन्हें शासन प्रशासन का डर नही और  नही  तनिक भी चिंता,,  कहीं जनता की चुप्पी उनका शोषण का कारण ना बन जाए,, ऐसे कई घटना देखने और सुनने को मिला है जिसमे आमजन लोगो का अज्ञानता और आवाज ना उठाने की वजह से उनके साथ धोखा किया जाता है और भ्रष्टचारी ज्यादा तर ऐसे लोगो को अपना शिकार बनाते है और ऐसे लोगो कि सबसे ज्यादा संख्या किसानों की है  जहा किसानों के साथ कई तरह का धोखा धडी और 420 का खेल खेला जाता है ऐसे ही एक मामला सारंगढ़ क्षेत्र का है जहा दर्जनों किसानों के साथ 420 कर अधिकारी और भ्रष्टाचारी मिलकर लाखो गटक रहे है

कनकबिरा उपार्जन केन्द्र में खाद बीज के नाम पर
सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार कनकबिरा सोसायटी में सैकड़ों किसान आते है जिनमें से दर्जनों किसानों के साथ सोसायटी प्रबन्धक ने 420 कर लाखो का घोटाला को अंजाम दिया है सूत्र बताते है कि क्षेत्र के कई किसान ऐसे है जिन्होंने नगद के सी सी के नाम पर कोई लोन नहीं लिए फिर भी उनके सीर पर हजारों लाखो का कर्ज चढ़ गया और भ्रष्टाचारी प्रबंधक मालामाल हो गया नाम ना बताने के शर्त पर एक किसान ने जानकारी दिया जिसमे बताया कि जब किसान धान बेचकर अपेक्स बैंक अपना पैसा निकालने गया तो बैंक ने किसान को बताया कि आपका लगभग 70 से 75 हजार का लोन है उसे काटकर दिया जाएगा किसान तो कुछ समय के लिए हल्का बक्का हो गया फिर कहा कि मैने तो कोई लोन नहीं लिया है तो बैंक साहब ने कहा कि ठीक है आप एक बार अपने प्रबन्धक से मिल लो जब किसान प्रबंधक से मिला तो साहब ने किसान को गोल गोल घुमाया किसान दो दिनों तक घूमता रह चक्कर काटता रहा आखिर जब उनके पास कोई रास्ता ही नहीं बचा तो मजबूरन दो दिन बाद किसान के साथ जाकर उस पैसा को प्रबन्धक ने लोन की राशि जमा करने पर किसान को उनके हक का पैसा मिला।


क्षेत्र के किसान और पत्रकार की बीच हो रही थी वार्ता


उसी क्षेत्र के एक पत्रकार और किसान के बीच हुई बात चीत का एक आडियो मिला जिसमे किसान ने साफ साफ बताया की मेरे नाम से मुझे बिना बताए प्रबंधक निराकार पटेल ने 72 हजार रूपए ले लिए है जब बैंक गया तो कर्ज बता रहा था उसके बाद प्रबन्धक से मिला तो उन्होंने उस पैसा को मै दे दूंगा कहके दिनों दिन उन्हे घुमाया फिर पैसा बैंक में जाकर जमा किया और किसान का कर्ज उतरा आपको बता दे ये कोई एक किसान नहीं है जिनके साथ ऐसा हुए है कनकबीरा सोसायटी के अंर्तगत आने वाले कई गांव के किसान है जिनको बिना बताए उनके नाम से लोन ले लिए गया है अभी फिलहाल जानकारी मे हमे लगभग 20 से 30 किसान है जिनके नाम से पैसा निकाला गया है किसी का 50 हजार है तो किसी का 80 हजार यहां तक कि दो दो लाख रुपए तक का कर्ज किसान का चढ़ा हुआ है सूत्र बताते है कि लगभग 30 लाख रुपए से अधिक की राशि इसी तरह फर्जीवाड़ा कर निकाला गया है

लाखो का घोटाला कही बैंक के साठ गांठ होने की आशंका तो नही

अभी फिलहाल कुछ पुष्टि पूर्वक। कहां नहीं जा सकता की इसमें बैंक का हाथ होगा संदेह के दायरे में जरूर बैंक आता है क्योंकि जब किसान ने खुद लोन नहीं लिया तो लोन चढ़ा कैसे , आखिर कैसे दर्जनों किसानों के खाते में लाखो का कर्ज चढ़ गया और चढ़ भी गया तो किसान के खाते से कौंन निकाला ,आडियो मे तो प्रबंधक ने लोन का पैसा चुकता किया तो साफ जाहिर होता है कि पैसा प्रबंधक निराकार पटेल को मिला होगा लेकिन कैसे ये सबसे बढ़ा सवाल है इसलिए बैंक भी शक के दायरे में आ रहा है  किसानों के खाते का पैसा बिना किसान के किसी और मिला कैसे,कहीं ना कहीं बैंक के किसी अधिकारी कर्मचारी का हाथ होगा ही।