
कोरबा ( इंडिया टीवी न्यूज़ सच तक ब्यूरो चीफ-लक्की जायसवाल)
गोंडवाना समाज ने ग्राम पंचायत चाकाबुड़ा में पंचायत स्तरीय ईशरदेव व गवरा माता का महापर्व मनाया।गोंडवाना लैंड का छोटा सा भू भाग ग्राम पंचायत चाकाबुड़ा में गोंडी धर्म संरक्षण समिति कोरबा जिला के वासियों द्वारा इशर राजा इशर रानी का गोंडी संस्कृति अनुसार गौरा गौरी महापर्व श्री गुरु भगत एवं दुर्गेश्वरी गौरी धर्मचार्य के सानिध्य में बूढ़ादेव गोंडी धर्म संरक्षण समिति ग्राम पंचायत चाकाबुड़ा में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। तीन दिनाें तक चलने वाले इस पर्व के अंतिम दिन रविवार की रात में ईशर देव व गवरा माता की शादी कराई गई। ईशर देव के बाराती कर्मा, ददरिया, सुआ, रेलो, डंडा व अखरा के साथ जमकर झूमे।
रात भर चलने वाले इस आयोजन में समाज के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और सुबह चार बजे नगर भ्रमण करते हुए चाकाबुड़ा के शिव मंदिर तालाब में विसर्जित किया गया। गोंडवाना संघ ने दुल्हादेव ईशरदेव और दुल्हादेवी गवरा दाई का पर्व उत्साह और परंपरानुसार मनाया। तीन दिवसीय आयोजन के पहले दिन की रात में मंच के नीचे फूल कुचरने के बाद समाज के लोगोें ने मन्नतें मांगी।

दूसरे दिन को ईशर देव व गौरा माई में सभी महिला पुरुषाों ने चांवल चढ़ाया और तीसरे व अंतिम दिन धूमधाम से विवाह की रस्में निभाई गई। कार्यक्रम में जिले के गोंडवाना समाज के लोग शामिल हुए।समाज के लोगाें ने शादी के दौरान चूलमाटी निकाली, वहां के देवठाना से मिट्टी लाई गई। इसी मिट्टी से समाज की महिलाओं व पुरुषों ने देव प्रतिमाएं बनाई। फूलों से सजे मंडप में विवाह कराया।
कार्यक्रम में गोंडी रीति रिवाज से ईशरदेव व गवरा दाई की शादी हुआ। इस दाैरान ईशर राजा, गवरामाता, डड़ैया माता व सिद्धबाबा की प्रतिमा बनाई गई। तेल हल्दी चढ़ाया और भांवर टीकावन के साथ बंदावन किया गया। शादी दौरान होने वाली नेंग दस्तूर भी रीति-रिवाज के साथ किया गया। इसके बाद भिनसार चार बजे सगरी स्नान के लिए बड़े मंदिर गए और प्रतिमा विसर्जित किया गया।